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अशांत मन, अशांत बुद्धि व शांति मंत्र का जाप

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अशांत मन, अशांत बुद्धि व शांति मंत्र  का अजपा -जप  धन्य है वह देवभूमि व राष्ट्र जहाँ स्वधर्म का ज्ञान व संस्कृति  के  तालों में आज भी सुरक्षित है, #पलायन केवल बुद्धि का हुआ है जो यहाँ की शांतिपूर्ण वातावरण में  आज भी परिलक्षित होता है  । We must care about the voiceless. - पीपल बाबा  अक्ल व नक्ल का भेद न समझने वाली संस्कृति व शिक्षानीति को अंत:करण में धारण कर विकसित कहलाने की धारणा ने हमारी आँखों पर पट्टी बांध दी है हम उपयोगिता को भूल कर अनुपयोगी के पीछे चल पड़े थे जो #२०१४ में रुका, अन्यथा आज #कोरोना से परिपूर्ण इस करुणामय संसार में इतनी आशांति न होती । देवभूमि उत्तराखंड सनातन संस्कारों की भूमि है, तप/साधना की स्थली है जिसमें केवल मनुष्य ही सर्वाधिकारी नहीं, उसके सहयोगी प्रकृति, पर्यावरण, जीव-जगत भी धर्मान्तरित दृष्टिदोष उत्पन्न भोगवादी आचरण के मान्य होने से पूर्व उतने ने ही अधिकार रखते थे । वो भी बिना किसी अहंकार या अहसान का भाव लिए । ॐ द्यौ:  शान्ति: अन्तरिक्षं ॐ शान्ति: पृथिवी: शान्ति: आप: शान्ति: औषधय: शान्तिं: वनस्पतंय: शान्ति...