अशांत मन, अशांत बुद्धि व शांति मंत्र का जाप
- धन्य है वह देवभूमि व राष्ट्र जहाँ स्वधर्म का ज्ञान व संस्कृति के तालों में आज भी सुरक्षित है, #पलायन केवल बुद्धि का हुआ है जो यहाँ की शांतिपूर्ण वातावरण में आज भी परिलक्षित होता है ।
- अक्ल व नक्ल का भेद न समझने वाली संस्कृति व शिक्षानीति को अंत:करण में धारण कर विकसित कहलाने की धारणा ने हमारी आँखों पर पट्टी बांध दी है हम उपयोगिता को भूल कर अनुपयोगी के पीछे चल पड़े थे जो #२०१४ में रुका, अन्यथा आज #कोरोना से परिपूर्ण इस करुणामय संसार में इतनी आशांति न होती।
ॐ द्यौ: शान्ति:
- अन्तरिक्षं ॐ शान्ति:
- पृथिवी: शान्ति:
- आप: शान्ति:
- औषधय: शान्तिं:
- वनस्पतंय: शान्ति:
- विश्वेंदेवा: शान्ति:
- ब्रह्म शान्ति:
- सर्व ॐ शांति:
- शान्तिरेव शांति:
- सा मा शान्तिरेधि
अशांत मन, अशांत बुद्धि व शांति मंत्र का अजपा -जप
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥
सबकुछ सीखा हमने न सीखी होशियारी , सच है दुनिया वालों हम हैं
अनाड़ी http://ow.ly/h5nU50OftCR
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