संदेश

मार्च, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

उत्तराखंड राज्य निर्माण संघर्ष का उद्देश्य व वर्तमान लाभार्थी

चित्र
उत्तराखंड राज्य निर्माण हेतु संघर्ष का उद्देश्य मूलतः यहाँ की संस्कृति व संस्कारों के अनुरूप विकास के प्रयासों को बल दे शिक्षा व रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि की चाह थी ।  इसके लिए जो आन्दोलन हुआ वो १९९० से २००० के बीच अपनी पराकाष्ट पर पहुँच चुका था । इस काल-खण्ड के विद्यार्थी व युवा जो भावनात्मक रूप से इसके उद्देश्यों से सहमत थे वे तन व मन से इससे जुड़े व इस जुडाव से उत्पन्न लाभ-हानि को भी अंगीकृत । जैसा कि हर क्षेत्र में होता है "कुछ केवल कमाते हैं, कुछ केवल खाते हैं व कुछेक इन दोनों में भी संतुलन बना पाते हैं", इस आन्दोलन में हुए संघर्ष में भी कुछ लोग भविष्य को ध्यान रख चल रहे थे व कुछ के केवल वर्तमान तक सीमित थे । २ अक्टूबर १९९४ में हुए मुज्जफरनगर कांड में हुई भारी हिंसा ने कानून-व्यवस्था के संरक्षक लोकतंत्र से लिप्त भ्रष्टाचार की उपस्थिति को दर्शाया । देवभूमि उत्तराखंड के निर्माण हेतु मुलभुत परिस्थियों का निर्माण अब आवश्यक था, जीवन में सभी अपनी दृष्टि व शक्ति के अनुरूप आचरण व जीवनशैली/व्यवसाय का चयन करते हैं । जिनको आसपास के वातावरण व निजी जीवन में समानता दिखती है वे उनक...